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राष्ट्रीय युवा दिवस
राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। उन्होंने भारत में लोगो को अपने देश को आगे बढाने के लिए प्रेरित किया और लोगो में ज्ञान की ज्योति जलाई।
उनका मुख्य उद्देश्य युवा लोगो को प्रेरित करना था। इसीलिए स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय युवा दिवस कब से मनाना शुरू हुआ?
ऐसा नहीं था की स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस को पहले से ही राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता था। सन 1984 में भारत सरकार ने ये घोषणा की कि स्वामी विवेकनन्द जी का जन्म दिवस राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। सन 1985 से इसको राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है?
सरकार ने युवा लोगो को देश सेवा के लिए प्रेरित करने के लिए स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का सोचा था।
सरकार चाहती थी की इस तरह से लोगो तक स्वामी विवेकानंद जी के विचार पहुंचेंगे और लोग अपने देश को आगे ले जाने के लिए प्रेरित होंगे। साथ ही साथ देश के सभी लोग स्वामी विवेकानंद जी के अनमोल विचारो और कार्यो को समझेंगे और जानेंगे।
सरकार अच्छी तरह जान गई थी की अगर भारत को एक विकसित देश बनाना है तो युवा को आगे आना होगा। इसके लिए प्रेरित होना बहुत ज़रूरी है। ये सोचकर भारत सरकार ने ये फैसला लिया था।

राष्ट्रीय युवा दिवस 2021
इस वर्ष का राष्ट्रीय युवा दिवस 12 जनवरी को मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। इस साल इस दिवस का काफी महत्त्व होने वाला है। क्योंकि हमारा देश काफी बुरे दिनों से गुजर रहा है। इसको सही करने के लिए भारत के युवा लोगो को आगे आना होगा। और उनको प्रेरित करने के लिए इस दिवस का बहुत महत्व होगा।
राष्ट्रीय युवा दिवस कैसे मनाया जाता है?
वैसे तो राष्ट्रीय युवा दिवस को भारत में हर जगह बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। लेकिन रामकृष्ण मिशन के केन्द्रों पर इसको बहुत ही भव्य तरीके से मनाया जाता है।
उस दिन सभी केन्द्रों पर रामकृष्ण परमहंस जी की आरती से कार्यक्रम शुरू होता है, और फिर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ख़त्म होता है। लोगो को स्वामी जी के कार्यो और वचनों के बारे में बताया जाता है। और लोगो को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।
अगर अन्य जगहों की बात करें तो वहां भी उनको याद किया जाता है और आरती उतारी जाती है। विद्यालयों में निबंध प्रतियोगिता,भाषण, संगीत, नृत्य आदि कार्यक्रम कराये जाते हैं।
सरकार भी उस दिन युवा लोगो को प्रेरित करने के लिए अपना योगदान देती है, और उनको आगे बढाने के लिए जो हो सकता है करती है।
राष्ट्रीय युवा दिवस कहाँ मनाया जाता है?
ऐसा नहीं है की राष्ट्रीय युवा दिवस सिर्फ भारत में ही मनाया जाता है।
जहाँ-जहाँ भारत के लोग हैं वो लोग इस दिन को मनाते हैं। और तो और शिकागो शहर में भी उनको इस दिवस पर याद किया जाता है।
स्वामी जी ने अपनी पहचान न सिर्फ भारत में बनायीं थी, बल्कि जापान, चीन, अमेरिका आदि देशो में भी उनका नाम बड़े आदर से लिया जाता है।
उन सभी देशो में जहाँ जहाँ स्वामी जी गए और अपनी पहचान बनायीं। वहां वहां स्वामी जी के जन्म दिवस को मनाया जाता है।

स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरित करने वाले वचन
उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य को प्राप्त न हो जाओ।
हर एक आत्मा भगवान से जुडी हुई है। बस करना ये है की हमे उसकी अलौकिकता को पहचानना है।
एक विचार लें और उसे ही अपनी जिंदगी बना लें। उसी के बारे में सोचें, सपने देखें और उसी के लिए कार्य करें।
एक समय में एक ही काम करो। उस वक़्त किसी और के बारे में मत सोचो। बस उसी के बारे में सोचो।
आपके अच्छे कार्य का पहले लोग मजाक उड़ायेंगे, फिर विरोध करेंगे, फिर उसी की प्रसंशा करेंगे।
अच्छे चरित्र का निर्माण ढेर सारी कठिनाइयों को सहने से होता है।
जिस दिन आपकी जिंदगी में कोई परेशानी न आये तो समझ लीजिये की आप गलत रास्ते पर हैं।
आपकी मंजिल का रास्ता आपको खुद बनाना पड़ता है।
खुद को प्रेरित करने के लिए कहो मुझे कोई डर नहीं है।
सत्य को बताने के हज़ार तरीके हैं, अंतत वो सत्य ही होगा।
जिंदगी वही सफल है जो दूसरो के लिए समर्पित हैं।
दिन में 10 मिनट खुद से ज़रूर बात करें, वरना आप एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व से मिलने से चूक जाएंगे।
सच्चे, ईमानदार और प्रेरित इंसान जितना एक वर्ष में कर सकते हैैं, उतना भीड़ एक सदी में भी नहीं कर सकती।
दुनिया आपको क्या कहेगी ये सोचे बिना आपको अपना काम करते रहना चाहिए।
इंसान जो भी रास्ता चुनता है चाहे वो गलत हो या सही अंततः वो भगवान तक ही जाता है।
किसी की बुराई न करें, अगर सहायता कर सकते हैं तो करें अन्यथा उनको आशीर्वाद दें।
ये कहना पाप है की तुम निर्बल हो या कोई और निर्बल है।
अगर आपका धन किसी की सहायता में काम आये तो ये धन है अन्यथा ये एक बुराई का पहाड़ है।
हम जो भी बनते है वो हमारी सोच ही बनाती है इसलिए अपनी सोच को बहुत अच्छा रखें।
ब्रम्हाण्ड की सारी शक्तियां हमारी ही हैं, लेकिन हम ही ये भूलकर अपनी आँखें बंद कर लेते हैं और कहते हैं कितना अँधेरा है।
संभव की सीमा जानने का एक ही तरीका है, असंभव से आगे निकलना।
ज्यादा रिश्ते होने से अच्छा है जो रिश्ते हैं उनको अच्छे से रखा जाए।
जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी बड़ी होगी।
आकांक्षा, अज्ञानता और असमानता ये बंधन की त्रिमूर्तियां हैं।
बाहरी स्वाभाव केवल अंदरूनी स्वाभाव का बड़ा रूप है।
डर निर्बलता की निशानी है।
शिक्षा वही है जो चरित्र निर्माण करे और परेशानियों से लड़ने में सहायक हो।
भय और अधूरी इच्छाएं सभी दुखो का कारण हैं।
दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
आज्ञा देना सीखनेे से पहले आज्ञा का पालन करना सीखना चाहिए।
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