HINDI KAHANIYAAN : MORAL STORIES IN HINDI सुमेर का अंत (सुमेर की कहानियाँ) कहानी 20

सुमेर का अंत

आज सुमेर की HINDI KAHANIYAAN में आप पढेंगे KAHANI ‘सुमेर की मौत’।

वैसे तो सुमेर बहुत ही बुद्धिमान था। वो दिल का भी बहुत अच्छा था। सुमेर की जिंदगी में सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन जो होना होता है उसको कौन रोक सकता है ? भगवान के कारनामे के आगे तो सब हार जाते हैं। कोई कितना भी अच्छा क्यों न हो उसकी जिंदगी का अंत तो होता ही है। पता नहीं क्यों भगवान उन लोगो को जल्दी मौत दे देते हैं जो दिल के अच्छे होते हैं। उसी तरह सुमेर की जिंदगी का भी अंत आ गया।

एक दिन दरबार से छुट्टी हुई तो सुमेर अपने खेत पर काम करने चला गया। उसे क्या पता था की ये दिन उसकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा। वो खेत में काम कर रहा था की अचानक उसे एक जहरीले सांप ने काट लिया। सुमेर ने सांप को देखा तो समझ गया की इस सांप के काटने से कोई आज तक नहीं बचा है। अतः उसकी मौत आ गयी है।

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उसने अपना अंत जाना तो वो घर की तरफ भागा। वो घर तक आते आते बेहोश होने लगा। किसी तरह घर पहुंचा तो उसमे खड़े होने की भी ताक़त नहीं थी। लोगो ने पकड़ कर उसे चारपाई पर लिटाया। सुमेर ने लोगो को बताया कि उसे सांप ने काट लिया है।

सुमेर ने जब जाना की उसका अंत आ गया है, तो उसने राज को देखने की इच्छा प्रकट की। सुमेर ने एक आदमी को भेजा की जाकर राजा को बुला लाये। आदमी राजा के पास गया और राजा से कहा,” महाराज सुमेर को एक जहरीले सांप ने काट लिया है। वो अब नहीं बचेगा। उसने जब ये जाना की वो मरने वाला है तो उसने आपसे मिलने की इच्छा प्रकट की है। आप जल्दी चलिए।” राजा ने कहा,” सुमेर हमेशा से ऐसा बहाना करता रहता है। उससे कहो की ऐसा मजाक न करे।”

उस आदमी ने वापस आकर सुमेर को ये बात बताई। राजा जी को लगता है की तुम मजाक कर रहे हो। सुमेर को ये जानकर दुःख हुआ। उसने कहा,” कैसी जिंदगी है ? जब हमेशा बहाना करता था तो राजाजी आते थे। आज सच में हुआ है तो उनको मजाक लग रहा है।”

इतना कहते कहते सुमेर को कोई हंसी की बात याद आ गयी और उसी वक़्त उसकी मौत हो गयी। जब वो मर गया तो भी उसके चेहरे पर हंसी थी।

इधर राजा को लगा कहीं सच में तो सुमेर को कुछ हो नहीं गया। राजा उसे देखने चल दिए। जब राजा सुमेर के घर पहुंचे तो सुमेर मर चुका था। उसे मरा देखकर राजा को यकीन ही नहीं हुआ की सुमेर मर गया है। राजा ने कहा कितना अच्छा इंसान था ? पूरी जिंदगी मुझे हंसाता रहा और तो और आज जब मर तो भी हंस ही रहा है।

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राजा ने आदेश दिया। सुमेर को चन्दन के लकड़ी की चिता पर जलाया जाए। सुमेर को राजा के आज्ञा के अनुसार जलाया गया। उसके अंतिम संस्कार में राजा खुद उपस्थित थे।

राजा ने कहा,” सुमेर तुम मर गए लेकिन तुम अपने कामो के लिए हमेशा याद किये जाओगे। तुम अब भी हमारे दिलो में जिंदा हो।”

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