HINDI KAHANIYA : MORAL STORIES IN HINDI लकड़ी का पुल ( मंत्री सुमेर की कहानियाँ) कहानी-6

आज मैं सुनाने जा रहा हूँ HINDI KAHANIYA से जुड़ी   KAHANI जो कि MORAL STORIES IN HINDI के उपसमूह से है। ये KAHANI राजा सूर्यभान और मंत्री सुमेर की है।

                    वैसे तो राजा सूर्यभान बहुत अच्छे थे। वो समय समय प्रजा की खबर लिया करते थे, लेकिन वो गांव जो शहर से दूर थे। उनकी खबर कभी कभी काफी देर से मिलती थी। तो राजा साहब ने ये ऐलान कर दिया था कि अगर राज्य में किसी को कोई परेशानी हो तो वो मेरे दरबार मे आकर मुझसे मिल सकता है।

           एक दिन राजा के दरबार मे एक गांव से कुछ लोग आए। दरबारी ने राजा से जाकर बताया तो राजा ने उन्हें अंदर आने को कहा । गांव वालो ने बताया की उनके गांव और शहर के बीच में एक नदी है। जो कि बरसात में अपने उफान पर रहती है। जिससे शहर आने के लिए हम नाव का इस्तेमाल भी नही कर पाते।कृपया उस पर आप पुल बनवा दीजिये। आपकी बहुत कृपा होगी। राजा ने कहा ठीक है जल्दी ही उस पर पुल बन जायेगा।

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 ये सुनने बाद कि राजा साहब गांव में पुल बनवाने वाले हैं लोग उसका ठेका लेने राजा साहब के पास जाने लगे लेकिन उनके मंत्री कुछ न कुछ कमी निकाल कर हर एक को भगा देते थे। अंत मे महामंत्री ने बड़ी चतुराई से ये ठेका अपने बेटे को दिला दिया।

          पुल बनना शुरू हो गया। इधर राजा स्वयं कभी कभी पुल के कार्य का निरीक्षण करने जाते थे और सुमेर भी चुपके चुपके अपने तरीके से पुल के कार्य का जायजा ले रहे थे। जब पूरा पुल तैयार हो गया और महामंत्री और उनका बेटा राजा के पास आकर मिले तो राजा ने उन्हें अपने गले का हार उतार कर दे दिया। ये करते वक़्त राजा की नज़र सुमेर पर गयी जो बार बार जेब से कुछ निकलता और फिर रख लेता था। राजा ने उसकी ऐसी हरकत देखी तो उससे पूछा कि जेब मे क्या है? तो सुमेर ने उन्हें कागज का खिलौना दिखाया और कहा कि महाराज ये पुल भी इसी खिलौने की तरह है चार दिन में टूट जाएगा।

       राजा पूरी बात समझ गए और महामंत्री और उसके बेटे को जेल में डाल दिया और पुल को फिर से बनाने का काम सुमेर को दे दिया।

शिक्षा- अगर आप अपना कार्य ईमानदारी से करेंगे तो ही आपको ईनाम मिलेगा वरना सज़ा मिलेगी।

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