राजा सूर्यभान के राज्य में एक बार एक बहुत ही अच्छा जादूगर आया। वो पास के ही किसी राज्य से आया था। पहले तो सब उसके जादू से बहुत खुश हुए लेकिन सबको फिर डर लगने लगा की कहीं ऐसा तो नहीं की कहीं पास के राज्य से कोई जासूस तो नहीं आया है और सब उससे डरने लगे।
ये बात धीरे धीरे राज दरबार में पहुंची तो उस जादूगर को कड़ी निगरानी में रखकर उसे दरबार में बुलाया गया, और अच्छे से छान बीन हुई तो पता चला की वो कोई जासूस नहीं है। वो एक जादूगर ही है। जब ये बात फ़ैल गयी तो लोग उसके जादू के कायल हो गए। राजा को भी पता चला की ये बहुत अच्छा जादू दिखाता है। तो राजा ने उसे फिर से महल में बुलाया और उसे अपना जादू दरबार में दिखाने को कहा।
जादूगर ने जादू दिखाना शुरू किया। तो लोगो के मुहं खुले के खुले रह गए क्योंकि ऐसा जादू उन्होंने ने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था। राजा उसके जादू से बहुत खुश हुए और उसे बहुत सारा धन देकर कहा की कुछ ऐसा जादू दिखाओ जो तुमने पहले कहीं न दिखाया हो और न ही उसे किसी ने पहले देखा हो।
जादूगर ने कहा की महाराज मेरे पास एक ऐसा जादू है। जो मैंने पहले कभी नहीं दिखाया है,लेकिन ये जादू मै यहाँ नहीं दिखा सकता। उसके लिए आप सबको राज्य के बाहर वाले तालाब के पास आना होगा और राज्य के सभी लोगो को आना होगा। राज्य में कोई भी बचना नहीं चाहिए जो उस तालाब के पास जादू देखने न आये। मै यह जादू अमावस्या की रात को दिखाऊंगा। राजा बहुत खुश हुआ और पूछा की वो क्या जादू है ? तो उसने बताया की वो स्वर्ग के अफ्सराओं का नाच दिखायेगा। राजा बहुत खुश हुआ। अब वो बस अमावस्या की रात का इंतज़ार करने लगे।
इधर जब ये बात सुमेर को पता चली। तो उसको शक हुआ। उसने गुप्त रूप से जादूगर की जांच शुरू कर दी। धीरे धीरे वो रात भी आ गयी। जिस रात स्वर्ग की अफ्सराओ का नाच देखने जाना था। राजा ने राज्य के सभी लोगो को इक्कठा किया, और राज्य के बाहर तालाब के पास जाने लगे, लेकिन जब वो राज्य के दरवाजे पर पहुंचे तो देखा की दरवाजे पर ताला लगा हुआ है।
सैनिको ने बताया की ये ताला सुमेर ने लगवाया है। राजा ने सुमेर को बुलाया और पूछा कि क्या तुम्हे नहीं पता की आज हम लोग अफ्सराओं का नाच देखने जाने वाले हैं ? तो सुमेर ने कहा की महाराज मैंने इसीलिए ताला लगवाया ताकि वो अफ्सरा राज्य के बाहर न जा पाए और ये कहते हुए उन लोगो को सैनिको के साथ बुलाया जो की अफ्सरा का कपडा पहने थे।
राजा ने पूरी बात पूछी तो सुमेर ने बताया की मैंने पता किया। तो पता चला की ये एक लूटेरा है। जब आप लोग तालाब के पास नाच देखने जाते। तो पीछे से ये राज्य को लूट लेते और उन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं होता। राजा ने ये बात सुनते ही सभी को जेल में डलवा दिया और जादूगर को फांसी पर चढाने की सजा दी।
कुछ दिनों बाद दरबार लगा था, तो राजा ने सुमेर से कहा की कब करा रहे हो असली स्वर्ग की अफ्सराओ के दर्शन ? सुमेर ने हँसते हुए कहा की महाराज उसके लिए तो भगवान रुपी जादूगर की ज़रुरत होगी और इतना सुनकर सब लोग हँसने लगे।
2 replies on “HINDI KAHANIYA : MORAL STORIES IN HINDI स्वर्ग की अफ्सराएँ (सुमेर की कहानियां) कहानी-8”
Very nice. अगर आप हिंदी सक्सेस डाट काम पर गेस्ट पोस्ट प्रकाशित करना चाहते हैं तो बताइए। आपका स्वागत है।
आपने हमे आमन्त्रित किया इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद। मुझे आपके blog पर गेस्ट पोस्ट करके बहुत खुशी होगी।