भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए, इसके लिए कौन ज़िम्मेदार था? 6 मुख्य कारण

भारतीय इतिहास में क्या झूठ लिखे गए ये बात तो अब धीरे धीरे उजागर हो गयी है। लेकिन इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए? इसके लिए कौन ज़िम्मेदार था? ये जानना भी ज़रूरी है।

आज के इस लेख में हम ऐसे ही 6 कारणों पर बात करेंगे। जिससे आपको अच्छे से पता चल जाएगा कि भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए?

ये बात सब जानते हैं की इंसान कोई भी काम बिना किसी फायदे के नहीं करता है।

भारत के इतिहास में झूठ लिखवाने के पीछे लोगो का फायदा लेना ही था।


अगर बात करें की भारतीय इतिहास में झूठ लिखे जाने के लिए कौन ज़िम्मेदार है। तो इस बात के लिए वही लोग जिम्मेदार हैं, जिन लोगो ने धन के लालच में चाटुकारिता करते हुए इतिहास में झूठ लिखे।

वैसे तो हर कोई चाहता है की इतिहास में उसकी बड़ाई ही हो। लेकिन अगर इतिहासकार या ये कहें की उस वक़्त के लेखक अगर धन के लालच में झूठ न लिखते, तो ये कभी नहीं संभव था।

भारत के इतिहास में झूठ लिखा जा सके।
भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए? इसके बहुत सारे कारण थे जो निम्नलिखित हैं-

भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए ? कारण नंबर एक (धन का लालच)


इंसान की परतंत्रता उसके सोचने की शक्ति को भी कम कर देती है। इंसान ये सोचना भी भूल जाता है की जो वो कर रहा है उसका आने वाले समय पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

कुछ ऐसा ही हुआ था उस वक़्त के लेखको के साथ। वो परतंत्रता के साथ साथ बुद्धि से भी हीन हो गए थे। उन्हें धन का लालच आ गया था। वो धन के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार थे।

उन्होंने कभी नहीं सोचा की जो वो कर रहे हैं उससे आने वाले कल पर क्या प्रभाव पड़ेगा? उस वक़्त के लेखको ने सिर्फ खुद से मतलब रखा। और पैसो के लिए वो किया जो उस वक्त के राजा ने कहा।


जिन लेखको को धन का लालच नहीं था और वो उस झूठ को लोगो के सामने लाना चाहते थे। उन्हें या तो डराया गया या तो उन्हें मार दिया गया। और इस तरह से भारतीय इतिहास उस गर्त में चला गया जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।

भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए, Bhartiya itihaas me jhooth kyu likhe gaye, itihaas me jhooth kyu likhe gaye, इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए

भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए ? कारण नंबर दो (राजा को अपने आप को सबसे महान बताना)


जैसे की आज के समय में भारत में बहुत से राज्य हैं। वैसे उस वक़्त भी थे। बस फर्क इतना था की अब वो सब एक साथ और भारत देश के अन्दर आते हैं। लेकिन उस वक़्त ऐसा नहीं था।

उस वक़्त अलग अलग राज्य के अलग अलग राजा थे। और वो जो चाहते थे अपने राज्य में करते थे। वो सब एक दूसरे से अलग थे।

जब वो देखते थे की उनके पास का राजा उनसे ज्यादा महान है। या इतिहास में उनके आस पास के राजाओं का इतिहास अच्छा है। और वो खुद उतना अच्छा नहीं है।

तो वो अपना नाम भी बनाने के लिए लेखको को धन का लालच देकर या डराकर अपने बारे में अच्छी अच्छी बाते लिखने को कहा। और कहा की जो उनकी क्रूरता है उसको छिपा दें।

ऐसा खासकर मुगलों ने किया था। इस बात ने भारत के इतिहास में सबसे बड़े बदलाव लाये। और भारत के इतिहास को झूठ नामक कीड़े ने पकड़ लिया।

भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए ? कारण नंबर तीन (भारत की एकता को ख़त्म करना)

जब लूटेरो ने भारत पर हमला किया और उस पर अपना राज स्थापित करने का सोचा। तो उनके राज स्थापित करने में सबसे बड़ी दिक्कत यही थी, की भारत के लोगो में एकता थी।

वो लूटेरा चाहे मुग़ल हो या अंग्रेज उनकी हमेशा से यही सोच थी की वो भारत में तभी राज कर सकते हैं। जब भारत के लोगो में एकता न हो।

उन्होंने भारत पर अधिकार स्थापित करने के तुरंत बाद ये काम शुरू कर दिया। की भारत के लोगो की एकता को कैसे ख़त्म किया जाए?

जब उन्होंने पता किया तो पता चला की भारत की एकता का राज उसके ग्रन्थ हैं। और उनका धर्म जिसकी भारतीय काफी इज्जत देते हैं। और उसी की वजह से एक साथ हैं।

लूटेरो ने तुरंत इस एकता को ख़त्म करने के लिए भारत के ग्रन्थ को गलत साबित करना शुरू कर दिया। और साथ ही साथ लोगो को ये भी विश्वास दिलाने लगे की उनके भगवान और राजा। जिनके बारे में अच्छी अच्छी बातें लिखी हैं वो सच नहीं है।

लूटेरो ने लोगो को ये कहना शुरू किया की आप सब अलग अलग हो। और उन्होंने हिन्दू धर्म में जातिवाद को जन्म दिया। उन्होंने फूट डालने के लिए जातिवाद का सहारा लिया और उसमे वो कामयाब हो गए।

उन्होंने काफी हिन्दुओ को अपने धर्म में शामिल कर लिया। या तो लालच देकर या डराकर। बाकी जो बचे हुए हिन्दू थे या ये कहें की भारतीय थे उनमे भी काफी दुश्मनी पैदा हो गयी थी। और तो और वो सब आपस में ही एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए।

इस बात का फायदा उठा कर लूटेरो ने अपना राज और बड़ा कर लिया। अगर भारतीयो में एकता रही होती तो वो उन लूटेरो को कबका भगा देते। और शायद वो कभी राज ही नहीं कर पाते।

भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए, Bhartiya itihaas me jhooth kyu likhe gaye, itihaas me jhooth kyu likhe gaye, इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए

भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए ? कारण नंबर चार (भारत को प्राचीन में गरीब और अविकसित बताने के लिए)

जब लूटेरो ने भारत के इतिहास में यह लिखा तो वो शायद भूल गए थे की उनके आने के पहले से ही भारत सोने की चिड़िया कही जाती थी। तो वो देश कैसे गरीब हो सकता है? जो सोने की चिड़िया कही जाती हो।

अगर बात की जाए की भारत अविकसित था। शायद उन्हें किसी ने बताया नहीं था की शून्य की खोज भारत में ही हुई थी। शायद उन्हें पता नहीं था की हिन्दू ग्रन्थ में वो ज्ञान की बातें लिखीं थी वो कभी सोच भी नहीं सकते थे। शायद वो भारत के ज्योतिषशास्त्र को भूल गए थे।

शायद वो भूल गए थे की पूरे संसार का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय भारत में ही था। ये सब बाते जानते हुए भी, उस वक़्त के भारतीय लोगो ने कैसे इन झूठो पर विश्वास कर लिया? की भारत पहले अविकसित और गरीब था। ये बात मेरे समझ के परे है।

जब लूटेरो ने भारत में शासन किया। तो वो ये बात अच्छी तरह जानते थे की उनके आगे आने वाले वंश राज नहीं कर पायेंगे। अगर लोगो को पता चल गया की इनके वंश के राजा ने भारतीयों पर कितना अत्याचार किया है।

साथ ही साथ उनको ये भी पता चल जाता की इन लूटेरो के पहले भारत कितना खुशहाल देश था। लूटेरो ने इस बात को मिटाने के लिए इतिहास में ये लिखवाया की उनके शासन के पहले भारत बहुत ही गरीब था। यहाँ के लोग अशिक्षित थे।

इतिहास में ऐसा लिखवाने की वजह से उनका राज युगों युगों तक चलता रहा। और वो इतिहास को झूठ की ऊँचाइयों पर पहुंचाते गए।

भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए ? कारण नंबर पाँच (अपने धर्म को महान बताने के लिए और उसका प्रचार करने के लिए)

वैसे तो इतिहास में झूठ लिखने का उनका मुख्य उद्देश अपने राज को बनाए रखना था। लेकिन साथ ही साथ वो चाहते थे की उनकी ये सत्ता हमेशा ऐसे ही बनी रहे।

वो जानते थे की इस बात के लिए ये ज़रूरी है की जनता भी उनके धर्म की ही हो। इसलिए उन्होंने इतिहास में ऐसे झूठ लिखाए जिससे पता चले की जो पहले के धर्म थे वो अच्छे नहीं थे। और उनका धर्म सर्वश्रेष्ठ है।

ये बात सिर्फ मुगलों के साथ ही नहीं थी। अंग्रेजो के साथ भी थी। मुगलों ने लोगो को धन का लालच देकर या जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया।

अगर बात की जाए अंग्रेजो की तो उन्होंने भी भारतीयों को ईसाई बनाने के लिए पूरे प्रयास किये। उन्होंने इस कार्य के लिए एक समूह भी बनाया था। जो लोगो को ईसाई बनने के लिए प्रेरित करता था।

उनको अपने धर्म की अच्छे बातें बताते थे। और साथ ही साथ धन का लालच भी देते थे। वो इस कार्य में थोड़े सफल भी हुए। वो लोग जो धन के लालची थे और चाटुकारिता करने को तैयार थे। उन्होंने ईसाई धर्म ले लिया।

भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए, Bhartiya itihaas me jhooth kyu likhe gaye, itihaas me jhooth kyu likhe gaye, इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए

अंग्रेज लोगो को ईसाई बनाने के लिए समूह बनाकर काम कर रहे हैं। इस बात का पता तब चला जब उन्होंने खुद इस बात को बताया।

ये बात कोई नहीं जानता की इस कार्य की शुरुआत उन्होंने कब और कहाँ से की थी। इस बारे में इंग्लैंड के लार्ड मैकाले, मोनियर विलियम्स और जर्मनी के मैक्समूलर ने लिखा है। जो की नीचे लिखा हुआ है-


लार्ड टी वी मैकाले– बात 1834 की है जब लार्ड मैकाले को भारत के शिक्षा का प्रमुख बनाया। मैकाले ने ऐसी शिक्षा नीति बनायीं थी जिससे आने वाले भारत में एक भी हिन्दू नहीं बचता।

उन्होंने अपने पिता को एक पत्र लिखा था। और उसमे लिखा था “मेरी बनाई शिक्षा पद्धति से यहाँ यदि शिक्षाक्रम चलता रहा तो आगामी 30 सालो में एक भी आस्थावान हिन्दू नहीं बचेगा।

या तो वे ईसाई बन जायेंगे या नाम मात्र के हिन्दू बने रहेंगे। धर्म पर या वेद शास्त्रों पर उनको विश्वास नहीं रहेगा। इस तरह से बिना कुछ किये हम हिन्दू धर्म को ख़त्म कर देंगे।

SOURCE डॉक्टर लीना रस्तोगी कृत विश्वव्यापिनी संस्कृति पेज – 90


मोनियर विलियम्स- विलियम्स ने मॉडर्न इंडिया एंड दी इंडियन्स के तीसरे संस्करण 1879 के पेज 261 पर लिखा था “जब ब्राहमणों के शक्तिशाली दुर्ग की प्राचीरें ईसाई सिपाहियों द्वारा घेर ली जायेंगी। कमजोर बना दी जायेंगी और ख़त्म कर दी जायेंगी। तभी जाकर ईसाईयत की जीत होगी।

मैक्समूलर- मैक्समूलर ने अपनी पत्नी को पत्र लिखा था( सन 1902 ) जिसमे उन्होंने अपनी बात साफ कही थी। उन्होंने कहा था कि यहाँ के लोगो पर वेदों का काफी प्रभाव है। अगर उनके धर्म को ख़त्म करना है तो पहले उनके वेदों को ख़त्म करना होगा।

भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए, Bhartiya itihaas me jhooth kyu likhe gaye, itihaas me jhooth kyu likhe gaye, इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए

भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए ? कारण नंबर छः (अपनी सत्ता को मज़बूत बनाने के लिए और प्राचीन संस्कृति को नष्ट करने के लिए)


मुग़ल और अंग्रेज ये बात जानते थे की अगर भारतीयों को पता चला की पहले के राजा बहुत अच्छे थे। और उस वक़्त का शासन बहुत अच्छा था। तो वो कभी भी उनके शासन को स्वीकार नहीं करेंगे।

अपनी सत्ता को और मज़बूत बनाने के लिए। उन्होंने भारत के इतिहास में झूठ लिखना शुरू कर दिया। और लोगो को बताया की पहले के राजा उनसे अच्छे नहीं थे और न ही उनकी संस्कृति इतनी अच्छी थी। जो भी है वो हमारी ही देन है।

comment करके बताएं आपको हमारी पोस्ट भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए कैसी लगी ?

Source- WIKIBOOKS.COM

READ MORE-

नोआखाली दंगो के कारण, 6 वां कारण जानना बहुत ज़रूरी

स्वामी विवेकानंद जी का जीवन परिचय और विवेकानंद जी की 10 रोचक बातें

बिना इयरफोन के मोबाइल मे रेडियो क्यों नहीं चलता ? 1 मुख्य कारण

18 सबसे बड़े भारतीय इतिहास के झूठ : 16 वां झूठ कोई नहीं जानता

मदन लाल ढींगरा की जीवनी : भारत के अनसुने नायक

Run by- http://thewebnook.com

2 thoughts on “भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए, इसके लिए कौन ज़िम्मेदार था? 6 मुख्य कारण”

  1. Thanks for the beautiful knowledge you gave.
    I write poems, while I was searching for content related to this topic, I found your blog.
    It’s quite appreciable. Thanks once again.

    Reply

Leave a Comment